Amarnath Yatra Cloudburst Incident Live: दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आई आकस्मिक बाढ़ में कई लोग बह गए. मलबे में दबने से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 यात्री लापता हैं. इस हादसे में 65 लोग घायल हुए हैं. आंकड़ा बढ़ सकता है.

श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आई आकस्मिक बाढ़ में कई लोग बह गए. मलबे में दबने से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 यात्री लापता हैं. इस हादसे में 65 लोग घायल हुए हैं. आंकड़ा बढ़ सकता है. हालांकि, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि यह घटना बादल फटने की वजह से नहीं हुई है. आईएमडी हर साल, अमरनाथ यात्रा के लिए मौसम को लेकर एक विशेष सलाह जारी करता है. शुक्रवार को आईएमडी ने येलो अलर्ट (मतलब नजर रखें) जारी किया था. अमरनाथ यात्रा वेबसाइट पर शाम 4.07 बजे तक के मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक पहलगाम और बालटाल दोनों तरफ के मार्गों के लिए ‘आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ बहुत हल्की बारिश’ की संभावना जताई गई थी, साथ में कोई चेतावनी नहीं थी।
J&K | About 10 patients were there, 2 received head injury, 5 have fracture and 2-3 cases of hypothermia…: Major Pankaj Kumar, Nodal Medical Officer, Northern Route on evacuation and rescue operation that continues in the cloudburst affected areas #AmarnathCloudburst pic.twitter.com/xqhJRS87kN
— ANI (@ANI) July 9, 2022
Indian Army and others continue rescue operation in cloudburst affected Baltal, J&K
16 people have been confirmed dead in the cloudburst so far, as per NDRF DG Atul Karwal pic.twitter.com/S2CaYiCYX3
— ANI (@ANI) July 9, 2022
अमरनाथ, जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान जारी है. एनडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी के जवान अमरनाथ गुफा से नीचे की ओर बहने वाली स्ट्रीम में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. अचानक आई बाढ़ में कई लोगों के बहने की संभावना है.
सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज 18 को बताया कि अमरनाथ हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो गई है. इस बीच, घायल लोगों को वायुसेना के हेलिकॉप्टरों से इलाज के लिए भेजा जा रहा है. इंडियन एयरफोर्स के एक अधिकारी ने बताया कि 29 लोगों को बचाया गया, जिनमें से 9 गंभीर रूप से घायल हैं. बादल फटने से प्रभावित इलाकों के पास लगातार मलबा साफ किया जा रहा है और लापता लोगों की तलाश जारी है.
BSF MI-17 हेलिकॉप्टर द्वारा 9 शवों को नील गढ़ से श्रीनगर ले जाया गया है: BSF
भारतीय वायु सेना ने अमरनाथ गुफा स्थल में बचाव कार्यों के लिए श्रीनगर से 2-2 एएलएच ध्रुव और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं. साथ ही एक AN-32 और Ilyushin-76 परिवहन विमान आगे की आवश्यकताओं के लिए चंडीगढ़ में स्टैंडबाय पर हैः IAF अधिकारी
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा के लिए हेल्पलाइन स्थापित की है। पवित्र गुफा के पास बादल फटने से 16 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग लापता हैं जिसके बाद यात्रा स्थगित कर दी गई है. सरकार के जनसंपर्क विभाग और श्राइन बोर्ड ने ट्वीट किया, “अमरनाथ यात्रा के लिए हेल्पलाइन नंबर: एनडीआरएफ: 011-23438252, 011-23438253, कश्मीर डिविजनल हेल्पलाइन: 0194-2496240, श्राइन बोर्ड हेल्पलाइन: 0194-2313149.’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में कई श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा, ‘‘ जम्मू कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के समीप बादल फटने की घटना के कारण हुई कई श्रद्धालुओं की त्रासदपूर्ण मौत की खबर से बहुत दुखी हूं. मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती हूं.’’
अमरनाथ में श्रद्धालुओं की मौत पर झारखंड के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने शोक जताया
जम्मू कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के निकट बादल फटने की घटना में श्रद्धालुओं की मृत्यु होने पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को गहरा शोक प्रकट किया और शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.
जम्मू कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बचाव अभियान रात भर जारी रहा और सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा छह तीर्थयात्रियों को वहां से निकाला गया. यह जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी. दक्षिण कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आयी आकस्मिक बाढ़ के कारण कई लोग बह गये एवं कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई.
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आयी बाढ़ के चलते फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित कर दिया गया है. आईटीबीपी के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी.
तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह दक्षिण कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में बाल-बाल बच गए. इस घटना में 13 लोगों की मौत हो गई. हेलीकॉप्टर से अमरनाथ पहुंचे राजा सिंह और उनके परिवार के सदस्यों ने मौसम बिगड़ने से पहले पहाड़ियों से उतरने के लिए खच्चरों का इस्तेमाल करने का फैसला किया.
अमरनाथ गुफा स्थल से घायल तीर्थयात्रियों को भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर में आगे के इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है. खराब मौसम के कारण लद्दाख सेक्टर से घाटी में हेलिकॉप्टरों को लाने में मुश्किल हो रही है. भारतीय वायुसेना अधिकारी ने जानकारी दी है.
बादल फटने की घटना के बाद शनिवार को चिनार कोर कमांडर ने जगह का निरीक्षण किया. चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से प्रभावित इलाकों में पहुंचे हुए हैं, जहां बचाव अभियान जारी है.
एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवल ने कहा कि करीब 70 बचावकर्मी लगे हुए थे. चौथी टीम हमने शेषनाथ से रवाना की थी, अब करीब सौ बचावकर्मी शामिल हैं. सेना, आईटीबीपी और अन्य के साथ मिलकर बचाव कार्य चल रहा है. अब तक 16 श्रद्धालुओं की मौत की जानकारी हमको मिल रही है करीब 40 लोग मिसिंग हैं. पानी का बहाव कम है, लेकिन तेज है. हमारी टीम उसके लिए हमेशा तैयार रहती है.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में मौसम की देखभाल करने वाले सेंटर के प्रमुख सोनम लोटस ने कहा, ‘यह केवल पवित्र गुफा के ऊपर एक अत्यधिक स्थानीयकृत बादल था. इस साल की शुरुआत में भी ऐसी बारिश हुई थी. यह एक फ्लैश फ्लड नहीं थी.’ लोटस ने यह भी पुष्टि की कि, संभावना है कि गुफा की तुलना में अधिक ऊंचाई पर अत्यधिक वर्षा हुई थी. सेवानिवृत्त मौसम विज्ञानी और आईएमडी के पूर्व उत्तर भारत प्रमुख, आनंद कुमार शर्मा ने समझाया, ‘वर्षा एक अत्यधिक परिवर्तनशील पैरामीटर है, और यह विशेष रूप से अजीबोगरीब ऑरोग्राफी वाले पहाड़ों के लिए सच है. साथ ही, यात्रा मानसून के चरम मौसम में होती है. बारिश गुफा के सामने नहीं हो सकती है, लेकिन उसके ऊपर कहीं हो सकती है, जिसका असर नीचे की ओर होगा.’ खबर स्त्रोत
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