
तेरी मिट्टी (Teri Mitti) में मिल जावां गुल बन के खिल जावां,” केसरी के सबसे लोकप्रिय गीत, ‘तेरी मिट्टी’ गाने को बी पराक ने गया है।
दुनिया भर में हर रोज कोई न कोई फिल्म हम सबके बीच में आती रहती हैं। जिसमें कुछ फिल्म फ्लॉप होती और कुछ को अच्छा नाम और पैसा कमा कर बड़े बड़े अवार्ड मिलते हैं वहीँ कुछ नई फिल्मों के आगे दब जाती हैं। लेकिन अगर बात अगर बात करें बॉलीवुड की तो यहाँ आपसे में ही अवार्ड को बेच और खरीद लिया जाता है। क्या यही कारण है जिसके लिए भारत की फ़िल्में दुनिया में अपना नाम नहीं कमा पातीं और उन्हें इंटरनेशनल अवार्ड नहीं मिलते कुछ फिल्मों को छोड़ कर।
जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ कुछ ऐसी फिल्मों की जिनको अवार्ड नहीं दिए गए लेकिन आज भी लोगों को भा रही हैं उनकी कहानी लोगों के दिलों को छू जा रही है। वहीँ कुछ फ़िल्में ऐसी हैं जिनका कोई महत्त्व ही नहीं है और कुछ पैसे दे कर उनको अवार्ड दिया जा रहा है।
मैं बात कर रहा हूँ तेरी मिट्टी (Teri Mitti) गाने की जिस गाने ने देश में एक फौजी अपनी जिंदगी के बारे में बताता है लेकिन ऐसे गाने को अवार्ड न दे कर अपना टाइम आएगा जैसे गाने के अवार्ड के लिए चुना गया। देश की बात आने पर न नेता बात करता है आना ही कोई मीडिया का बड़ा पत्रकार सवाल उठाता है।
जबकि ‘तेरी मिट्टी’ के गीतकार मनोज मुंतशिर को फिल्मफेयर के लिए नामांकित किया गया था, यह गली बॉय के ‘अपना टाइम आएगा’ से हार गया और यह अवार्ड डिवाइन और अंकुर तिवारी को दिया गया।
‘अपना टाइम आएगा’ रणवीर सिंह के जिंदगी के संघर्ष के बारे में है और गाने के रिलीज होने के बाद यह एक कैचफ्रेज़ बन गया। ‘तेरी मिट्टी’ सैनिकों के बलिदान और उनके संघर्ष भरी जिंदगी के बारे में है कि वे अपनी भूमि की मिट्टी पर मरेंगे।
पुरस्कार के बाद, मुंतशिर ने अपने इंस्टाग्राम पर घोषणा की कि वह फिर कभी किसी अवार्ड शो में शामिल नहीं होंगे।
हालांकि उन्होंने ‘अपना टाइम आएगा’ की निंदा या आलोचना नहीं की, उन्होंने इस बारे में लिखा कि कैसे उन्होंने नहीं सोचा था कि वह इससे बेहतर कविता लिख सकते हैं, “तू कहता था तेरा चांद हूं मैं, और चांद हमें रहता है।” वहीँ कई सिंगर और एक्टर दावे कर चुके हैं की पैसों से फिल्म फेयर अवार्ड बिकते हैं।
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