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Rajat Sharma Blogs: Aryan khan के जेल में बीते 26 दिनों की भरपाई कौन करेगा – रजत शर्मा

Rajat Sharma Blogs: नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शुक्रवार को ड्रग्स केस में शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan khan)को क्लीन चिट दे दी। एनसीबी ने कहा कि आर्यन खान (Aryan khan) के पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुआ। इस पूरी साजिश में अरबाज मर्चेंट या किसी अन्य आरोपी के साथ आर्यन के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला। 

एनसीबी (NCB) की ओर से ग्रेटर मुंबई स्थित एनडीपीएस मामलों के स्पेशल जज की कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में आर्यन खान (Aryan khan) समेत 6 लोगों के नाम नहीं थे। इस चार्जशीट में कुल 14 आरोपी बनाए गए हैं। 

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीबी के महानिदेशक एस.एन.प्रधान ने यह माना कि एनसीबी के पूर्व रीजनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े द्वारा की गई शुरुआती जांच में अनियमितताएं थीं। उन्होंने कहा, ‘व्हाट्सएप चैट ( जो फोन पर पाया गया) की भौतिक पुष्टि होनी चाहिए। कोर्ट पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि व्हाट्सएप चैट का अपने आप में कोई महत्व नहीं है। आप व्हाट्सएप पर किसी भी चीज के बारे में बात कर सकते हैं, लेकिन अगर भौतिक साक्ष्य से इसकी पुष्टि नहीं होती है, तो इसे पूरा सबूत नहीं माना जा सकता है।‘

एनसीबी ने शुक्रवार को 6 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। यह चार्जशीट गवाहों की मौखिक गवाही,  ड्रग्स पाया जाना, ड्रग्स से संबंधित दस्तावेजों और पैसों के लेनदेन के सबूत के आधार पर दाखिल की गई है। एनसीबी की टीम ने 24 साल के आर्यन खान को 19 अन्य लोगों के साथ पिछले साल अक्टूबर में मुंबई के कॉर्डेलिया क्रूज पर आयोजित एक रेव पार्टी के दौरान छापा मारकर गिरफ्तार किया था। आर्यन को 26 दिन जेल में बिताने पड़े, जबकि उसके पास से कोई ड्रग्स नहीं मिला। एसआईटी ने अपनी आंतरिक रिपोर्ट में कहा, ‘ऐसा लगता है कि जांच अधिकारी किसी तरह आर्यन खान को ड्रग्स मामले में फंसाना चाहते थे।‘ एसआईटी ने कहा, आर्यन या अरबाज मर्चेंट द्वारा दिए गए किसी भी बयान में या फिर अरबाज मर्चेंट ने यह दावा नहीं किया गया कि उसके पासे से जब्त किए गए 6 ग्राम चरस आर्यन के लिए थे।

ये सभी खुलासे एनसीबी की अक्टूबर की प्रेस रिलीज और कोर्ट में उसके वकील द्वारा आर्यन खान (Aryan khan) के बारे में जो कुछ कहा गया था उसके खिलाफ है। उस वक्त एनसीबी की ओर से कोर्ट में यह कहा गया था कि आर्यन और अरबाज ने मिलेजुले इरादे के साथ यात्रा की और आर्यन ने अरबाज से ड्रग्स खरीदी। 4 अक्टूबर को अपने रिमांड आवेदन में एनसीबी ने आरोप लगाया था कि आर्यन मोबाइल चैट्स, तस्वीर आदि के जरिए ‘इंटरनेशनल ड्रग्स ट्रैफिकिंग चेन’ से जुड़ा हुआ था। एनसीबी ने अदालत को यह भी बताया था कि आर्यन और अरबाज दोनों ने अपने बयान में माना था कि वे अपने साथ ड्रग्स ले जा रहे थे।

आज भी लोगों को वह दृश्य याद है जब दर्जनों पुलिसकर्मी हाथ पकड़कर आर्यन को अदालत में ले जा रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे वह एक खूंखार अपराधी है। एक नौजवान को 26 दिनों तक जेल में रखा गया और आठ महीने बाद एनसीबी कह रहा है कि आर्यन खान के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।

एनसीबी के रुख में यह बदलाव कैसे आया? एनसीबी के प्रमुख का कहना है कि शुरुआती जांच में अनियमितताएं थीं और जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सकती है। लेकिन सवाल है कि क्या आर्यन को अपनी जिंदगी के वो 26 दिन वापस मिलेंगे, जो उसने सलाखों के पीछे बिताए थे?  इस बड़ी गड़बड़ी की जिम्मेदारी तो एनसीबी को लेनी होगी।

शुक्रवार की रात अपने प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ में मैंने दिखाया कि तत्कालीन जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने आर्यन खान के बारे में क्या कहा, और कैसे उन्होंने अपने जूनियर ज्ञानेश्वर सिंह के जरिए आर्यन के बारे में झूठे आरोप मीडिया को लीक किए।  वानखेड़े के आरोपों के चलते आर्यन को नशेड़ी’, ‘गंजेड़ी’ तक कहा गया। उनके बारे में तरह-तरह के मीम्स प्रसारित किए गए। लेकिन शुक्रवार को आर्यन को क्लीन चिट दे दी गई। उन्हें बिना वजह बदनाम किया गया।

एनसीबी चीफ प्रधान ने शुक्रवार को जो कहा उसे सुनकर एक बात साफ हो जाती है। समीर वानखेड़े ने आर्यन के खिलाफ ज्यादती की और उसे एनडीपीएस मामले में गलत तरीके से फंसाने की कोशिश की गई। एनसीबी ने अब आर्यन को क्लीन चिट देकर अपनी गलती तो सुधार ली लेकिन सवाल उठता है कि 26 दिनों के लिए एक नौजवान को सलाखों के पीछे डालने वाले एनसीबी अधिकारियों का क्या होगा, जिन्होंने कोर्ट में झूठा बयान दिया? क्या समीर वानखेड़े और उनके जूनियर्स को सजा होगी?

वानखेड़े पहले से ही फर्जी जाति प्रमाण पत्र और रिश्वत के आरोपों के चलते विजिलेंस जांच का सामना कर रहे हैं। केंद्र द्वारा एक सक्षम अथॉरिटी से इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। वानखेड़े भारतीय राजस्व सेवा के एक अधिकारी हैं। यह विभाग वित्त मंत्रालय के अधीन आता है।

शुक्रवार को एनसीबी के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा,’ शुरुआती जांच करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘एक ही अफसोस है कि आर्यन को जल्दबाजी में गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी। उसके कपड़े,  शरीर या जेब से कोई ड्रग्स नहीं मिली। आर्यन की गिरफ़्तारी, ग़ैरक़ानूनी, इकतरफ़ा और सरासर ग़लत थी। अच्छा होता ऐसा न होता। इस नौजवान को 26 दिन बड़े अपराधियों के बीच जेल में गुज़ारने पड़े थे, जिसका किसी भी युवक के दिमाग़ पर बुरा असर पड़ता है। पर कुल मिलाकर ये मामला ख़त्म हो गया है। आर्यन के सामने बेहतर भविष्य है। अब उनकी इज़्ज़त पर कोई दाग़ नहीं है। उनका सम्मान बरकरार है।’

मैंने अक्टूबर में ‘आज की बात’ में कहा था और अब फिर इसे दोहरा रहा हूं। आर्यन को जेल में  26 रातें सिर्फ इसलिए काटनी पड़ी क्योंकि वह सुपरस्टार शाहरुख खान का बेटा है। अब ये तो साबित हो गया है कि आर्यन खान बेकसूर है। उसने न ड्रग्स ली थी, न उसके पास ड्रग्स थी। अब ये पता लगाना जरूरी है कि आखिर आर्यन खान को पकड़ कर और उसके खिलाफ झूठा केस बना कर समीर वानखेड़े और उनकी टीम के दूसरे अफसर शाहरुख खान से क्या चाहते थे। ये मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि उस वक्त ये इल्जाम लगे थे कि शाहरुख खान से रिश्वत में बड़ी रकम की मांग की गई। इसकी हकीकत पता लगनी चाहिए।

इसके अलावा इस केस में आर्यन की गिरफ्तारी के वक्त जो स्वतंत्र गवाह समीर वानखेड़े ने पेश किए थे, उनकी भी जांच होनी चाहिए। क्योंकि उनका बैकग्राउंड भी संदिग्ध था। इन गवाहों की हकीकत सामने आना इसलिए जरूरी है क्योंकि इसी तरह के गवाहों के कारण हजारों बेकसूर नौजवान जेल में पड़े रहते हैं। उनके माता-पिता और परिवार अदालतों के चक्कर काटते रहते हैं।

ये सोचकर चिंता होती है कि आर्यन खान के साथ जो हुआ वो किसी भी बच्चे के साथ हो सकता है। आज ये सोचकर दुख हुआ कि बिना किसी कसूर के एक नौजवान को 26 दिन जेल में बिताने पड़े। ये सोचकर गुस्सा आता है कि कुछ अफसरों ने आर्यन खान को इंटरनेशनल ड्रग पैडलर करार दे दिया। आज ये सोचकर परेशानी होती है कि कुछ लोगों ने एक निर्दोष को बिना बात के बदनाम किया। आखिर आर्यन का गुनाह क्या था? यही कि वो एक सुपरस्टार का बेटा है। क्या आर्यन खान का गुनाह ये था कि वो एक फेमस परिवार से आता है?  क्या उसका कसूर ये है कि शहरुख खान के पास बहुत पैसा है ?

गुनाह तो उस अफसर का है जिसने आर्यन खान को विलेन बनाकर खुद हीरो बनने की कोशिश की। गुनाह तो एनसीबी के उन सब लोगों का है, जो सच जानते हुए भी खामोश रहे। आर्यन ने जेल में जो 26 दिन बिताए उनका हिसाब कौन देगा ? शाहरुख खान ने 26 दिन जो आंसू बहाए उसका हर्जाना कौन देगा ? इसका ना कोई हिसाब हो सकता है, ना कोई हर्जाना।

आर्यन का यह केस पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है। क्या अब कुछ ऐसा होगा कि फिर कोई अहंकारी अफसर किसी बेकसूर को जेल में ना डाल सके ? क्या अब अदालत कोई ऐसा फैसला करेगी कि झूठा केस बनाने वालों को सजा मिले?

 

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India Times News
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1 टिप्पणी

  1. […] क्या पहले भी कोर्ट ने इस तरह की कोई टिप्पणी की है?  सितंबर 2020 में मुंबई हाईकोर्ट ने तीन सेक्स वर्कर्स को सुधारगृह से छोड़ने का आदेश दिया था। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि वेश्यावृत्ति अपराध नहीं है। वयस्क महिलाओं को अपना पेशा चुनने का अधिकार है। उनकी सहमति के बिना उन्हें हिरासत में नहीं रखा जा सकता है।  कोर्ट ने अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम (PITA), 1956 का हवाला देते हुए कहा था कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो वेश्यावृत्ति को अपराध बताता हो। वेश्यावृत्ति में लिप्त किसी व्यक्ति को सजा की बात भी इसमें नहीं है। Source यह भी पढ़ें-  Rajat Sharma Blogs: Aryan khan के जेल में बीते 26 दिनों की भ… […]

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