सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी नेताओं को संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया गया। अलग-अलग घटनाओं का जिक्र करते हुए संविधान बचाने के लिए सभी को एकजुट होने की अपील की गई। दलितों, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को लेकर भाजपा पर हमल बोला गया। पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित अन्य नेताओं ने संकल्प दिलाया कि अगले पांच वर्षों में सपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाना है, क्योंकि यही पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह का सपना है।
लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में बृहस्पतिवार को पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। पार्टी अध्यक्ष ने राष्ट्र ध्वज फहराने के बाद पार्टी का झंडा फहराया। इसके बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार जताते हुए कहा कि जिस उम्मीद और विश्वास के साथ उन पर भरोसा जताया गया है उस पर वे खरा उतरने का प्रयास करेंगे। यह जिम्मेदारी उन्हें तब मिली है जब संविधान खतरे में है। अखिलेश ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि परिस्थितियां कठिन हैं, लेकिन हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा। सपा संघर्ष की विरासत को आगे बढ़ाकर दबे, कुचले, गरीबों के भविष्य को बेहतर बनाने का काम करेगी।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सदस्यता अभियान में बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। आने वाले समय में जरूरत पड़ी तो सदस्यता अभियान चलता रहेगा। जो बाबा साहब आंबेडकर के सपनों को पूरा करना चाहते है वे भी सपा से जुड़ रहे हैं। समाजवादियों की कोशिश है कि बाबा साहब के बताए रास्ते पर चलने वालों को जोड़कर संविधान बचाने का काम किया जाए। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में इतना झूठ बोलने वाली कोई सरकार नहीं है। भाजपा सिर्फ प्रोपेगंडा कर रही है। हिटलर की सरकार में तो एक प्रोपेगंडा मंत्री था। यहां तो पूरी सरकार ही झूठ के प्रोपेगंडा में लगी हुई है। उन्होंने नोटबंदी, कालाधन, जीएसटी, किसान बिल आदि का जिक्र करते हुए भाजपा पर हमला बोला। अग्निवीर योजना का जिक्र करते हुए कहा कि नौजवानों के साथ-साथ देश की फौज के साथ भी धोखा हो रहा है। भाजपा सरकारी संस्थाओं का निजीकरण करके संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है।
वोट कटवाकर छीनी गई सत्ता
अखिलेश ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए क हा कि सपा से सत्ता छीनी गई है। कई विधानसभा क्षेत्रों में वोटर लिस्ट से नाम कटवा दिए गए। विधानसभा चुनाव में हम लोगों को चुनाव आयोग से बहुत उम्मीदें थी, लेकिन चुनाव आयोग ने भाजपा के पन्ना प्रभारियों के इशारे पर सपा समर्थकों और खासकर मुस्लिम और यादव समाज के लोगों के हर विधानसभा में 20 हजार वोट काट दिए। अखिलेश ने कहा कि आज जो हालात है उसमें कोई भी संस्था समाजवादियों की मदद नहीं करेगी, इसलिए समाजवादियों को जमीन पर खुद को मजबूत करना होगा। भरपूर वोट मिला है। दो से तीन प्रतिशत वोट और बढ़ जाता तो बेईमानी करने के बाद भी भाजपा सरकार न बना पाती। इसलिए एक-एक वोट का हिसाब रखना होगा।
समाजवादी लोग डरेंगे नहीं
अखिलेश ने कहा कि सपा नेताओं को जेल भेजा जा रहा है। आजम खां इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। उनके परिवार के हर सदस्य पर मुकदमे लगाए जा रहे हैं। लेकिन समाजवादी लोग डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी का वोटबैंक दो से तीन प्रतिशत और बढ़ जाता तो बेईमानी के बाद भी हम चुनाव जीत जाते। इसलिए अभी से बूथों पर तैयारी की जरूरत है। एक-एक वोट पर नजर रखना होगा। इसी तरह पार्टी के अन्य नेताओं ने भी अपने वक्तव्य में संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
किसी ने गदा तो किसी ने भेंट की तलवार
अध्यक्ष बनने की घोषणा होते ही अखिलेश यादव को पार्टी के नेताओं ने फूल-मालाओं से लाद दिया गया। उन्हें गदा, तलवार, सरोपा, एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीर, शाल आदि भेंट किए। अखिलेश का स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से पूर्व एमएलसी आनंद भदौरिया, सुनील यादव साजन, विकास यादव, प्रदीप तिवारी, मनीष सिंह, सुशील दीक्षित, नवीन धवन बंटी, देवेंद्र सिंह यादव, अनीस राजा, अखिलेश कटियार, अशोक यादव आदि शामिल थे।
[…] […]