बांदा नाव हादसा: बाँदा में 11 तारिख को शाम को हुआ नाव हादसा जिसमें हुआ। नाव में तकरीबन 50 लोग सवार थे ऐसा बताया जा रहा है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक नाव में ज्यादा महिलाएं सवार थीं जो की भाइयों को राखी बांधने के लिए जा रही थीं। बताया जा रहा है की नाव में कई परिवार भी सवार थे जिनकी तलाश अभी तक नहीं हो पाई है।
बांदा नाव हादसा: 17 लोगों में सात लोगों के शव पानी में उतराते मिले
बांदा जिला के मर्का थाना क्षेत्र अंतर्गत नाव डूबने से लापता 17 लोगों में सात लोगों के शव पानी में उतराते मिले। ग्रामीणों ने सुबह करीब छह बजे शवों को नदी में उतराता देखा। पुलिस प्रशासन को खबर देकर ग्रामीण शवों को निकालने में जुट गए। नाविक नदी में नाव लेकर गए और शवों को निकाला जा सका।
सभी शव फतेहपुर के किशनपुर थाना क्षेत्र में मिले हैं। थाना क्षेत्र के नरौली गांव किनारे यमुना में जयचंद्र (16) पुत्र प्रेमचंद्र निवासी मैकुवापुर मजरे सरकंडी का शव मिला। घटना के दिन वह बांदा के बैराफ बहन के घर से राखी बंधवा कर नाव से लौट रहा था। जयचंद्र की पहचान उसके बड़े भाई रज्जन ने फोटो देखकर की है।
चार शवों की पहचान हो चुकी है
चार शवों की पहचान हो चुकी है बाकी तीन शवों की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। एसडीआरएफ और पुलिस शवों को निकालने में लगी है। एसडीएम मनीष कुमार ने बताया कि शवों की शिनाख्त का प्रयास किया जा रहा है। टीमें खोजबीन में जुटी हैं।
यमुना नदी में नाव डूबी
आपको बता दें कि रक्षाबंधन पर भाइयों को राखी बांधने जा रहीं महिलाओं से भरी नाव यमुना नदी की बीच धारा में पलट गई थी। इसमें 32 लोग लापता हो गए थे। जबकि 15 लोग तैरकर बाहर आ गए थे। तीन शव बरामद कर लिए गए थे। गुरुवार को दोपहर करीब तीन बजे मर्का थाना क्षेत्र के कस्बे से फतेहपुर के असोथर जा रही नाव यमुना नदी के बीच धार में पहुंची तो पतवार टूट गई। इससे नाव डगमगाने लगी। इसी बीच कई यात्री नाव से कूद पड़े। इससे नाव पलट कर नदी में डूब गई।
शुक्रवार को पूरे दिन बांदा में यमुना नदी में नाव डूबने से लापता हुए 32 लोगों को खोजने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल छह टीमें लगी रहीं। इन टीमों के 60 जवान आठ मोटर बोट से पूरा दिन तलाशने के बाद भी किसी को नहीं ढूंढ पाए थे।
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