China Taiwan Crisis 2022: चीन और ताइवान के बीच दशकों से जारी खींचतान (China Taiwan Crisis 2022) पिछले कुछ दिनों से चरम पर है. अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी (US Speaker Nancy Pelosi) की हालिया ताइवान यात्रा (Nancy Pelosi Taiwan Visit) ने संकट को एक बार फिर से उभार दिया है. चीन इस यात्रा की खबर सामने आने के बाद से ही लगातार चेतावनी दे रहा था और अब इस बात की आशंका गहरा गई है कि कहीं ताइवान की खाड़ी (Taiwan Straight) में जंग की शुरुआत न हो जाय।
इन सब घटनाक्रमों के बीच दुनिया को एक अन्य चिंता सता रही है. पहले ही ऑटो (Auto Industry) से लेकर स्मार्टफोन इंडस्ट्री (Smartphone Industry) तक चिप शॉर्टेज (Chip Shoratge) से परेशान हैं. ताइवान में स्थिति बिगड़ने पर यह संकट और गंभीर हो सकता है क्योंकि यह छोटा देश सेमीकंडक्टर (Semiconductor) के मामले में दुनिया की फैक्ट्री है.
China Taiwan Crisis 2022: ताइवान पर निर्भर हैं दुनिया की दिग्गज कंपनियां
साल 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद ताइवान की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री पर काफी बुरा असर हुआ. हाल हालांकि इसके बाद भी सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में ताइवान का दबदबा बरकरा ही है. ताइपेई स्थित रिसर्च फर्म ट्रेंडफोर्स के आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के टोटल ग्लोबल रेवेन्यू में ताइवान की कंपनियों की हिस्सेदारी 60 फीसदी से अधिक रही. इसमें सबसे ज्यादा योगदान TSMC का ही रहा.
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ताइवान की अग्रणी सेमीकंडक्टर कंपनी TSMC मुख्य तौर पर मैन्यूफैक्चरिंग पर फोकस करती है. TSMC के महत्व को इस बात से भी समझा जा सकता है कि वह सैमसंग के के साथ दुनिया की उन दो चुनिंदा कंपनियों में से है, जो सबस उन्नत 5-नैनोमीटर चिप्स बनाती है.
आपको बता दें कि सेमीकंडक्टर का इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर, स्मार्टफोन, कारों के सेंसर में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है. सेमीकंडक्टर का प्रोडक्शन एक जटिल काम है, जिसमें डिजाइन करने वाली कंपनियों से लेकर बनाने वाली कंपनियां तक शामिल होती हैं. इसके अलावा सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के नेटवर्क में टेक्नोलॉजी सप्लाई करने से लेकर सामग्रियों और मशीनरी की आपूर्ति करने वाली कंपनियां तक शामिल होती हैं.
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