पंजाब (Punjab) में कृषि मशीनरी (agricultural machinery) खरीद में 150 करोड़ का घोटाला (150 crore scam) उजागर हुआ है। राज्य में 3 साल में खरीदी 11,275 मशीनों का कुछ पता नहीं चल रहा। इन मशीनों (machine) की खरीद के लिए केंद्र से 1178 करोड़ की सब्सिडी आई थी। विभागीय जांच में घोटाले के सबूत मिलने के बाद राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल (Kuldeep Dhaliwal) ने विजिलेंस जांच की सिफारिश कर दी है। इसके बाद उस वक्त कृषि मंत्रालय संभाल रहे पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Capt Amarinder Singh) भी जांच के घेरे में आ गए हैं।
घोटाले की पूरी कहानी
पंजाब (Punjab) में 2018-19 से 2021-22 के दौरान किसानों को 90,422 मशीनें बांटी गई थी। कृषि कार्य वाली इन मशीनों की खरीद के लिए केंद्र से सब्सिडी (subsidy) भी आई थी। आम आदमी पार्टी(AAP) के सत्ता में आते ही मशीनों की खरीद में घोटाला उजागर होने लगा। कृषि मंत्री ने जिले के कृषि अफसरों से मशीनों की फिजिकल ऑडिट कराई। इसस दौरान 3 जिलों में मशीनों का रिकॉर्ड ही नहीं मिला। वहीं कुछ जिलों में मशीनों किसको दी गई, इसका पूरा रिकॉर्ड नहीं मिल सका। 13% मशीनें गायब मिलीं। घोटाले की पुष्टि होते ही मंत्री ने जांच विजिलेंस को सौंप दी।
150 करोड़ रुपए रिकवर कर कार्रवाई करेंगे : मंत्री
जिस वक्त यह घोटाला हुआ, कृषि मंत्रालय तत्कालीन CM कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास था। मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा कि यह कैप्टन की जिम्मेदारी भी थी कि मशीनें सही ढंग से बांटी जाएं। इस मामले में कैप्टन भी जांच के दायरे में रहेंगे। जरूरत हुई तो उनसे भी पूछताछ होगी। मंत्री ने कहा कि सरकार 150 करोड़ रुपया रिकवर करेगी और जांच में कसूरवार लोगों पर एक्शन भी होगा।
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